नेह छोह: शोभाकान्त
कथेतर / Non-Fictionदिन भर की प्रचंड गर्मी, देर रात की ठिठकी हवा और उसके बाद निशा-शेष में जब दक्षिण पवन ग्रीष्म ऋतु की श्रान्त और शिथिल अलस प्रकृति नदी के सिमटे हुए आँचल को फहराने लगता तो ‘छिवही‘ आम के विशाल वृक्ष की निस्पन्द टहनियां उच्छवासित हो उठती ….. टप-टप-टप करके आम गिरने लगते. ठीक उसी वक्त […]