आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

कविता / Poetry

She Who Cannot Write Three Decent Sestets: Anoopa Anand

कविता / Poetry

अनूपा आनंद की अंग्रेजी कविताएँ.

English poems by Anoopa Anand.



When Beasts Get Into Language: K. Satchidanandan

कविता / Poetry

DAUGHTER (To Sabitha, suffering from Multiple Sclerosis) I see my thirty-year old daughter again as a six-month old. I bathe her, wash away the dust and muck of thirty years. Now she glistens like a short Amichai poem in the liquid glow of Heaven. The little towel gets wet with Time. Beethoven raises his more […]



8 Malayalam Poets in Santosh Alex’s Translations

कविता / Poetry

Before the Sacrifice: Pavithran Theekooni In the morning your knife will win over me Cut into pieces I will be hung With bloody hands you will be counting the coins Depending on the possibility of sale you keep on changing my name and selling me For this cheating after the sacrifice I may forgive you […]



वही एक रंग: निशांत

कविता / Poetry

सैयद हैदर रज़ा की एक पेंटिंग देखकर उसने देखा एक रंग और चुप हो गया उसने बनाई धरती और शांत हो गया उसने रचा ब्रह्माण्ड का वितान और मौन हो गया उसके अन्दर हमेशा बजता रहता एक अनहद नाद सारे संसार में चुप्पी मौन शांति के सौंदर्य का साम्राज्य धीरे धीरे फ़ैल रहा था उससे […]



एक पत्थर बेडौल अटपट गुरूत्त्व के अधीनः मनोज कुमार झा

कविता / Poetry

संशय आग की पीठ से पीठ रगड़ना कभी, कभी पैरों में बाँध लेना जल की लताएँ रात की चादर की कोई सूत खींच लेना फेंट देना उसे सुबह के कपास में कमल के पत्ते से छुपाना चेहरा, फोटो खिंचवाना गुलाब से गाल सटाकर ट्रेन से कूदना देखने मोर का नाच और बुखार में हाथ हिलाना […]



अधिकार से असुरक्षा: गीत चतुर्वेदी

कविता / Poetry

अधिकार से असुरक्षा आती है और असुरक्षा एक राजनीतिक औजार होती है हर पलंग के पास एक बुरा सपना होता है। कमर टिकाते ही जकड़ ले। हर घर में कुछ बूढ़ी रूहें होती हैं, जो नींद या जाग में, सफ़ेद साड़ी पहने इस कोने से उस कोने तक जाती दिख जाती हैं। रात को जब […]



एक घर था और एक सिनेमाघरः जितेंद्र श्रीवास्तव

कविता / Poetry

कला आज दिन भर भटका घूमता रहा बाज़ारों में ढूँढ़ता रहा एक अदद दीया ऐसा जिस पर कर सके कारीगरी मेरी बेटी मैं दिन भर ढूँढ़ता रहा एक दीया ऐसा जिसमें कम हो कारीगरी कुम्हार की शायद हो किसी दुकान पर ऐसा जिसे रचने में कम मन लगा हो कुम्हार का पर मैं लौट आया […]



किसी सिरफिरे की कोई बिसरी हुई धुनः यतींद्र मिश्र

कविता / Poetry

समय ओपेरा इतिहास की एक धूल भरी तारीख़ से उठाता हूँ मैं अनगिनत बार बजायी जा चुकी एक मार्मिक धुन छूते ही जिसको हवा में छिटक जाते हैं चारों ओर शोकगीतों के ढेरों मिसरे यह धुन जिसमें कुछ और धुनें भी शामिल हैं दरअसल सिर्फ संगीत नहीं हैं वे अमानवीयता के प्रतिकार की ऐसी सिसकियाँ […]



दस हंगारी कवि

कविता / Poetry

मिक्लोश राद्नोती बृहस्पतिवार न्यूयॉर्क के एक छोटे से होटल में ‘टी’ ने फंदा लपेट लिया गर्दन में बरसों भटकता रहा था वह बेवतन और भटक पाएगा वह? प्राग में ‘एम.जे.’ खुदकुशी कर ली, वह अपने देश भी निर्वासित था; और उस ‘आर.पी.’ ने – उसने भी नहीं लिखा एक साल से; लेटा है शायद सूखी […]



The Stone Leaves For The Street: Trina Nileena Banerjee

कविता / Poetry

Circles and the Boy The River, History Lavender goes the day. In the evening, curtains dropping over the river filth little boys bathed in mud, twisted black knots in their bellies. Underneath, the roots of the river grow old and flabby, bloating and turning red in the winter sun. This water’s molten gold spreads amply […]