She Who Cannot Write Three Decent Sestets: Anoopa Anand
कविता / Poetryअनूपा आनंद की अंग्रेजी कविताएँ.
English poems by Anoopa Anand.
अनूपा आनंद की अंग्रेजी कविताएँ.
English poems by Anoopa Anand.
DAUGHTER (To Sabitha, suffering from Multiple Sclerosis) I see my thirty-year old daughter again as a six-month old. I bathe her, wash away the dust and muck of thirty years. Now she glistens like a short Amichai poem in the liquid glow of Heaven. The little towel gets wet with Time. Beethoven raises his more […]
Before the Sacrifice: Pavithran Theekooni In the morning your knife will win over me Cut into pieces I will be hung With bloody hands you will be counting the coins Depending on the possibility of sale you keep on changing my name and selling me For this cheating after the sacrifice I may forgive you […]
सैयद हैदर रज़ा की एक पेंटिंग देखकर उसने देखा एक रंग और चुप हो गया उसने बनाई धरती और शांत हो गया उसने रचा ब्रह्माण्ड का वितान और मौन हो गया उसके अन्दर हमेशा बजता रहता एक अनहद नाद सारे संसार में चुप्पी मौन शांति के सौंदर्य का साम्राज्य धीरे धीरे फ़ैल रहा था उससे […]
संशय आग की पीठ से पीठ रगड़ना कभी, कभी पैरों में बाँध लेना जल की लताएँ रात की चादर की कोई सूत खींच लेना फेंट देना उसे सुबह के कपास में कमल के पत्ते से छुपाना चेहरा, फोटो खिंचवाना गुलाब से गाल सटाकर ट्रेन से कूदना देखने मोर का नाच और बुखार में हाथ हिलाना […]
अधिकार से असुरक्षा आती है और असुरक्षा एक राजनीतिक औजार होती है हर पलंग के पास एक बुरा सपना होता है। कमर टिकाते ही जकड़ ले। हर घर में कुछ बूढ़ी रूहें होती हैं, जो नींद या जाग में, सफ़ेद साड़ी पहने इस कोने से उस कोने तक जाती दिख जाती हैं। रात को जब […]
कला आज दिन भर भटका घूमता रहा बाज़ारों में ढूँढ़ता रहा एक अदद दीया ऐसा जिस पर कर सके कारीगरी मेरी बेटी मैं दिन भर ढूँढ़ता रहा एक दीया ऐसा जिसमें कम हो कारीगरी कुम्हार की शायद हो किसी दुकान पर ऐसा जिसे रचने में कम मन लगा हो कुम्हार का पर मैं लौट आया […]
समय ओपेरा इतिहास की एक धूल भरी तारीख़ से उठाता हूँ मैं अनगिनत बार बजायी जा चुकी एक मार्मिक धुन छूते ही जिसको हवा में छिटक जाते हैं चारों ओर शोकगीतों के ढेरों मिसरे यह धुन जिसमें कुछ और धुनें भी शामिल हैं दरअसल सिर्फ संगीत नहीं हैं वे अमानवीयता के प्रतिकार की ऐसी सिसकियाँ […]
मिक्लोश राद्नोती बृहस्पतिवार न्यूयॉर्क के एक छोटे से होटल में ‘टी’ ने फंदा लपेट लिया गर्दन में बरसों भटकता रहा था वह बेवतन और भटक पाएगा वह? प्राग में ‘एम.जे.’ खुदकुशी कर ली, वह अपने देश भी निर्वासित था; और उस ‘आर.पी.’ ने – उसने भी नहीं लिखा एक साल से; लेटा है शायद सूखी […]
Circles and the Boy The River, History Lavender goes the day. In the evening, curtains dropping over the river filth little boys bathed in mud, twisted black knots in their bellies. Underneath, the roots of the river grow old and flabby, bloating and turning red in the winter sun. This water’s molten gold spreads amply […]