आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

कविता / Poetry

कहानी ढलान की उम्र लिख रही है : सिद्धार्थ

कविता / Poetry

1. विदर्भ से तेलन्गाना तक एक एक बार समुद्र लिखा था दस मिनट तक फिर रेत भर थकान बस्तर, लोकतंत्र वगैरा इस बार असंख्य कपड़ों की दूकानों के बीच राह बनाती महानगर की नंगी सड़क कपास के बियाबान में बूँद भर बारिश की लिखत कौड़ियों से ज़िन्दगी बुनती अपने मटमैलेपन में अदृश्य पांच साल की […]



टॉफी का विज्ञापन देता विमान : मोनिका कुमार

कविता / Poetry

१ खेल समारोह में दर्शकों के पाले में बैठ देखती हूँ खिलाड़ी गरमा रहें हैं खुद को दूर से वे लग रहें हैं दौड़ते हुए सफेद जुराबों के जोड़े उड़ते हुए गुब्बारे अब खो गए हैं पाले में बैठे बच्चों ने भी समझ लिया है सब गुब्बारे खेलने के नहीं कुछ गुब्बारे विधान के लिए […]



अजनबीपन की गंभीरता में : प्रशांत श्रीवास्तव

कविता / Poetry

आवाज़   उनकी आवाज़ नहीं जा पाती उनकी परछाईयों से आगे   और हम गिनने लगते खामोशियाँ जबकि कुछ कहा गया कुछ ऐसा जैसे ठिठके हुए हिरण ने कहा हिरण से और वो जो पानी की परछाईं-सी कौंध गई मौत नहीं थी स्मृति का एक कोना टूट कर गिरा था   वो आ रहे हैं […]



जेतवन में भिक्षुणी : विशाल श्रीवास्तव

कविता / Poetry

अयोध्या में प्रेम   सरयू तट की घास पर बैठे हुए हैं हम इस शालीन दोपहर में जब और धूप का एक शिशु टुकड़ा नरमार्इ से खेल रहा है तुम्हारी पीठ के साथ ठीक उसी वक्त मैं यह सोचना शुरू करता हूँ  कि यह हवा जिसमें हम सांस ले रहे हैं क्या हमें इतनी इज़ाजत […]



Possessed Idiots and Deadly Demons: Abhay K

कविता / Poetry

Dostoevsky Harrowing prophet, impassioned, irrational sick and spiteful how could you be otherwise your father murdered by his own serfs you and your Petrashevskian friends arrested for treason without rhyme or reason sentenced to death by the deadly bullets of the firing squad miraculously rescued seconds before triggers were to be pulled shipped off to […]



Birthdaybird: Claus Ankersen

कविता / Poetry

It is your birthday and I think of you It is your birthday and the sun is shining the eagles hover on hot airwaves heads as white as sea foam and the waves the waves roll stick and stone beneath the pond still look as I sit here and watch you so far away in […]



Bankastræti Blues: Claus Ankersen

कविता / Poetry

Bankastræti Blues   Your legs of lamb, Reykjavik the red, crispy, tender, juicy young meat and the way you swim like a fish in the water or round and around a juniper bush or a sushi counter I drill my way under your skin, Reykjavik peek through the crack of your fresh fillets and walk […]



Can you hear it?: Claus Ankersen

कविता / Poetry

Listen! Mums filibaba Ting-gluti-tuu   On the barstool, a swine in human form is oinking it’s snout buried in a plate of nachos it wears a broad wool headband and looks like it thinks it looks like Elaine from Seinfeld Two sows are throning by it’s side, dressed in pretty outfits fashionably draped on their […]



बच्चों के लिए विविध भाषाओँ की कविताएँ / Poems from Various Indian Languages

कविता / Poetry

अनुवाद एवं प्रस्तुति: प्रभात मैथिली कविता: तरेगन मामु हो एक तेरगन दू तरेगन तरेगन मामु हो   आपने खाएला झींगा मछरिया हमरा देर्इला झोर तोहरा दुअरिया अब ना जैइबो टप-टप टपके लोर गुजराती कविता: टबुक-टबुक: नटवर पटेल छोटे तारे लबुक-लबुक बड़े तारे झबुक-झबुक डूंगर के पीछे से चांद कैसा देखे टबुक-टबुक   कुमाउनी कविता मोहन […]



Danenation

कविता / Poetry

Danenation   Jesus was a Dane. Buddha was a Dane. Leonardo Da Vinci was a Dane. Don’t let anybody fool you into believing anything else, not Indian, Russian, Egyptian or even American. Jesus was a Dane he might have been to India and he might have died somewhere in the Himalayas. But Jesus was a […]