कस्बे में बिथोवन: जयशंकर
कथेतर / Non-FictionExcerpts from Jayshankar’s journal.
जयशंकर के जर्नल के कुछ अंश.
Excerpts from Jayshankar’s journal.
जयशंकर के जर्नल के कुछ अंश.
In continuation to last issue’s theme of “Literature and History”, we have Himanshu Pandya’s piece on Rahi Masoom Reza’s novel Aadha Gaon that reads the form of the novel (it has an authorly intervention in the middle) as a metaphor of its content (partition), as an attempt to make a statement through form besides locating the center of events, Gangauli, in a somewhat familiar, subaltern context of lingual and territorial identities disrupting the nationalist history (the making of a nation state).
पिछले अंक की थीम ‘साहित्य और इतिहास’ के क्रम में राही मासूम रज़ा के उपन्यास आधा गाँव पर हिमांशु पंड्या का लेख उपन्यास की कथाभूमि गंगौली को राष्ट्रवादी इतिहास (राष्ट्र राज्य बनने की प्रक्रिया) और उसके बरक्स ज़मीन और ज़बान के आधार पर बनी पहचानों के किंचित परिचित सब आल्टर्न परिप्रेक्ष्य में अवस्थित करने के साथ-साथ उपन्यास की संरचना को ( इस उपन्यास में ‘भूमिका’ बीच में है ) उपन्यास की कथा (बंटवारे )के रूपक की तरह, ‘रूप’ के माध्यम से ‘विचार’ व्यक्त करने की कोशिश की तरह भी पढ़ता है.
संस्कृत नाटककार अश्वघोष की कृति सौंदरानंद के क्ले संस्कृत लाईब्रेरी द्वारा प्रकाशित लिंडा कोविल के अंग्रेज़ी अनुवाद पर चंद्रहास चौधरी का निबंध.
Chandrahas Choudhury continues his readings in Indian Fiction with this piece on Ashvaghosha’s Saundarananda, recently published in the Clay Sanskrit Library series in a translation by Linda Covill.
Rajaram Bhadu’s essay on caste-identity and heroism, in the context of pluralism.
बहुलतावाद के परिप्रेक्ष्य में जाति-अस्मिता और नायकत्व पर राजाराम भादू का निबंध.
Excerpts from the preface to Yaar Julahe, a collection of Gulzar’s nazms edited by Yatindra Mishra, soon to be published by Vani Prakashan.
यतीन्द्र मिश्र के संपादन में वाणी प्रकाशन से शीघ्र प्रकाश्य गुलजार की नज्मों के दीवान यार जुलाहे की भूमिका के संपादित अंश.
Excerpts from Yatindra Mishra’s soon to be published book on Ustad Bismillah Khan’s life and work, Sur ki Baradari, courtesy Neeta Gupta (Yatra) and Naved Akber (Penguin).
पेंग्विन-यात्रा बुक्स से शीघ्र प्रकाश्य यतीन्द्र मिश्र की शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के व्यक्तित्व और कला पर आधारित पुस्तक सुर की बारादरी के अंश जिन्हें उपलब्ध कराने के लिए हम नीता गुप्ता (यात्रा) और नावेद अकबर (पेंग्विन) के आभारी हैं.
उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पर व्योमेश शुक्ल का गद्य, राहुल सोनी और गिरिराज किराडू के अंग्रेज़ी अनुवाद में.
Vyomesh Shukla’s piece on Ustad Bismillah Khan, in English translation by Rahul Soni and Giriraj Kiradoo.
भारतीय डॉक्यूमेंटरी सिनेमा के सन्दर्भ में रूप और राजनीती के प्रश्न पर फिल्कार पारोमिता वोहरा का लेख.
Paromita Vohra’s piece on form and politics in context of Indian documentary cinema.
अपनी डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म जहाजी म्यूजिक बनाने के अनुभवों के बहाने प्रवास, अस्मिता और भारतीयता पर सुरभि शर्मा का लेख.
Surabhi Sharma’s piece on her experiences while making Jahaji Music that touches upon questions of migration, identity and Indianness.
An excerpt from “Maanush”, a forthcoming book of conversations between the painter Haku Shah and Hindi writer-editor Piyush Daiya.
चित्रकार हकु शाह एवं लेखक-सम्पादक पीयूष दईया की प्रकाशनाधीन वार्ता-रूप – “मानुष” – के कुछ अंश.