बुख़ार में लिखी गयी चिट्ठी: मृत्युंजय
कथेतर / Non-FictionA critical piece on Pankaj Chaturvedi’s book of poems by the young research scholar Mrityunjay.
पंकज चतुर्वेदी की कविताओं की किताब पर युवा शोधकर्ता मृत्यंजय का लेख.
A critical piece on Pankaj Chaturvedi’s book of poems by the young research scholar Mrityunjay.
पंकज चतुर्वेदी की कविताओं की किताब पर युवा शोधकर्ता मृत्यंजय का लेख.
अपनी फ़िल्म जश्न-ए-आजादी के बारे में लिखते हुए संजय काक अपने निबंध में उस सांस्कृतिक-राजनीतिक भूगोल के बारे में लिख रहे हैं जिसमें उन्होंने फ़िल्म को टुकडा टुकडा इकठ्ठा किया.
Sanjay Kak tells us about the cultural and political backdrop against which he gathered the raw material for his film Jashn-e-Azadi.
कविता जोशी का लेख जिसमें वह मणिपुर में जारी अशांति को मूलतः राष्ट्र के महाख्यान में उपेक्षित हाशिये की त्रासदी की तरह देखती हैं.
Kavita Joshi’s piece, in which she goes beyond the news and reads the ongoing unrest in Manipur as the tragedy of the margins neglected in the national narrative.
शीर्ष कथा के अंतर्गत एनी मोंताउ का निबंध.
Annie Montaut’s paper, forming part of the Lead Story.
शीर्ष कथा के अंतर्गत सुधीर चंद्र का निबंध
Sudhir Chandra’s essay, forming part of the Lead Story.
शीर्ष कथा के अंतर्गत पुरुषोत्तम अग्रवाल का निबंध
Purushottam Agrawal’s paper, forming part of the Lead Story.
शीर्ष कथा के अंतर्गत मदन सोनी का निबंध, मूल हिन्दी में एवं गिरिराज किराडू और विकास सिंह कृत अंग्रेज़ी अनुवाद में.
Madan Soni’s essay, forming part of the Lead Story, in the original Hindi and in English translation by Giriraj Kiradoo & Vikas Singh.
शीर्ष कथा के अंतर्गत गीतांजलि श्री का निबंध
Geetanjali Shree’s essay, forming part of the Lead Story.
शीर्ष कथा के अंतर्गत गिरिराज किराडू का निबंध
Giriraj Kiradoo’s paper, forming part of the Lead Story.
अखिलेश की गद्य पुस्तक वह जो यथार्थ था के अंश राहुल सोनी और गिरिराज किराडू के अंग्रेज़ी अनुवाद में.
Excerpts from Akhilesh’s book of autobiographical prose Wah Jo Yatharth Tha in English translation by Rahul Soni and Giriraj Kiradoo.