आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

कथेतर / Non-Fiction

वियेना में हाथ देखने की दुकान: अशोक पांडे

कथेतर / Non-Fiction

1 मेरे यहाँ पहुँचने के दूसरे दिन साहित्य का नोबेल पुरुस्कार ऑस्ट्रियाई लेखिका एल्फ्रीड येलीनेक को दिये जाने की घोषणा हुई। यह सम्मान प्राप्त करने वाली वे पहली ऑस्ट्रियाई हैं। विश्व-साहित्य के संसार में इस समाचार को बेहद चकित कर देने वाला माना गया। हालांकि अपने देश में वे अतिप्रसिद्ध हैं-अंग्रेजी भाषा समाज में उन्हें […]



From a City of Gods: Kaushik Sengupta

कथेतर / Non-Fiction

The apparition of these faces in the crowd; Petals on a wet, black bough. — ‘In a Station of the Metro’: Ezra Pound (1913) It is difficult to pin down the exact relationship between pictures and words. Words bring to mind pictures. The best pictures come to you from words that seem inevitable – coming […]



गाँधी एवं पर्यावरण आन्दोलन: रामचन्द्र गुहा

कथेतर / Non-Fiction

The historian Ramachandra Guha on Gandhi and Environmentalism, in Shambhu Joshi’s Hindi translation.

गाँधी और पर्यावरण आंदोलन पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा का व्याख्यान शम्भू जोशी के हिन्दी अनुवाद में.



स्त्री-मुक्ति का यथार्थ और यूटोपिया: राजीव रंजन गिरि

कथेतर / Non-Fiction

Rajiv Ranjan Giri’s essay on Hindi feminism.

हिन्दी फेमिनिज्म में वर्तमान प्रश्नों पर राजीव रंजन गिरि का निबंध.



सिमिट सिमिट जल

कथेतर / Non-Fiction

The artist Siraj Saxena in conversation with Hindi writer-editor Piyush Daiya.

युवा चित्रकार सीरज सक्सेना से हिन्दी लेखक-सम्पादक पीयूष दईया की बातचीत.



यहीं कहीं हूँ अभी निकल रहा हूँ..: प्रमोद सिंह

कथेतर / Non-Fiction

Pramod Singh’s Hindi non-fiction.

प्रमोद सिंह का हिन्दी गद्य



“आतंकवाद” और खाली जगह: मदन सोनी और दीपेन्द्र बघेल की बातचीत

कथेतर / Non-Fiction

१. दीपेन्द्र बघेल: जैसा कि आप जानते हैं, गिरिराज किराडू का आग्रह है कि हम आतंक पर केन्द्रित प्रतिलिपि के अंक के लिए गीतांजलि श्री के उपन्यास खाली जगह पर बातचीत करें। सो वह तो हमें करनी ही है, लेकिन मसला चूँकि आतंक का है, और स्वयं इस उपन्यास में चूँकि इस संघटना (आतंक) का […]



Re-membering Woman: Sukrita Paul Kumar

कथेतर / Non-Fiction

PARTITION, VIOLENCE AND GENDER A conscious effort to discern women as victims of the  Partition 1947 raises the curtain to the uncontrolled release of a bizarre male violence on the one hand and a nerve-wrecking dis-membering of the female body and self on the other. “Death may be considered at one level as essentially marked […]



कला माध्यम, पत्र-पत्रिकाएं और आपातकाल: अमरेन्द्र कुमार शर्मा

कथेतर / Non-Fiction

बाल्टर बेंजामिन ने लिखा है, ‘हमेशा से ही कला का एक सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रकार्य है एक ऐसी मांग पैदा करना, जिसकी पूर्ति पूरी तरह होने का समय अभी न आया हो।’ और आंद्रे ब्रेंता ने लिखा है, कोई कलाकृति तभी मूल्यवान होती है, जब भविष्य की आहटें उसमें मौजूद होती हैं।१ बाल्टर बेंजामिन, कला के […]



Solo: An Interview With Rana Dasgupta

कथेतर / Non-Fiction

राणा दासगुप्ता की एनी ज़ैदी से बातचीत अपने नए उपन्यास “सोलो” के विषय में.

Annie Zaidi interviews Rana Dasgupta about his new novel “Solo”.