आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

कथेतर / Non-Fiction

The Fragrance of Delgadina’s Soul: Teji Grover

कथेतर / Non-Fiction

Reading Memories of My Melancholy Whores by Gabriel Garcia Marquez Make visible what, without you, might perhaps never have been seen. –– Robert Bresson Once he made you see a storm of small yellow butterflies, then he made you see ice, mirror, and guava, it was he who made you see another facet of solitude, […]



मैं देवदास मुकर्जी बनना चाहता हूँ: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

1 बहुत कम ‘आधुनिक’ किताबों की नियति वैसी रही है जैसी कि देवदास की – एक अप्रत्याशित मिथकीयता से घिर जाने की नियति. इसके प्रकाशन के पूर्व शायद ही कोई यह कल्पना कर सकता था कि यह कृति एक पुस्तक से अधिक एक मिथक हो जायेगी. और इसमें शायद ही किसी को कोई संदेह हो […]



अस्तु का तु: प्रत्यक्षा

कथेतर / Non-Fiction

अस्तु को एक ऐसा घर चाहिये, जो जब वो चाहे,हो, जब न चाहे, न हो उसे तो आसमान भी होना है और चिड़िया भी,पानी भी होना है और मछली भी आसमान और संति में से किसी एक को चुनना ज़रूरी नहीं है.ये दोनों साथ साथ हो सकते हैं अगर किसी किताब से मोहब्बत न हो […]



Anachronistic Reflections: Of Critical Humanities: D. Venkat Rao

कथेतर / Non-Fiction

Written as the School of Critical Humanities was being dissolved in the newly named The English and Foreign Languages University (formerly CIEFL) Institutional Alibis We live in destitute postcolonial times. These are destitute times for thought and reflection. Destitution in matters of thinking concerns the inability to know what questions to ask, what inquiries to […]



एडम ज़गायेवस्की की कविता ‘आग’ पर कुछ बातें: गीत चतुर्वेदी

कथेतर / Non-Fiction

संभवत: मैं एक आम मध्य-वर्गीय हूँ व्यक्ति के निजी अधिकारों में विश्वास करने वाला आज़ादी बहुत आसान शब्द है मेरे लिए इसका मतलब किसी वर्ग-विशेष की आज़ादी से नहीं सियासी तौर पर नादान, शिक्षित औसत दर्जे का (कभी-कभार कुछ ख़ास लम्हों में मुझे सब कुछ साफ़ दिखने लगता है यही लम्‍हे मेरी तालीम की रोटी-बोटी […]



Wallace Stevens’ “The Snow Man”: Sridala Swami

कथेतर / Non-Fiction

The Snow Man: Wallace Stevens One must have a mind of winter To regard the frost and the boughs Of the pine-trees crusted with snow; And have been cold a long time To behold the junipers shagged with ice, The spruces rough in the distant glitter Of the January sun; and not to think Of […]



वह भी कोई देश है महाराज: अनिल यादव

कथेतर / Non-Fiction

पुरानी दिल्ली के भयानक गंदगी, बदबू और भीड़ से भरे प्लेटफार्म नंबर नौ पर खड़ी मटमैली ब्रह्मपुत्र मेल को देखकर एकबारगी लगा कि यह ट्रेन एक जमाने से इसी तरह खड़ी है। अब कभी नहीं चलेगी। अंधेरे डिब्बों की टूटी खिड़कियों पर उल्टियों से बनी धारियां झिलमिला रही थीं जो सूख कर पपड़ी हो गईं […]



पाठक का लेखकत्व: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

निर्मल वर्मा की किताबें: नवीन सागर जैसे जैसे उम्र बढ़ रही है किताबें मेरे पास कम हो रही हैं बार-बार पढ़ने वाली कुछ बचेंगी जो बहुत बाद में मुझे अकेला करेंगी अपने साथ इतना अकेला कि जितनी अकेली यह सृष्टि है शून्य में फैलती हुई निर्मल वर्मा की किताबें बहुत पास रखी हैं उनकी जितनी […]



Gaze Of Colour: Bhashwati

कथेतर / Non-Fiction

Temple of Aaron A low unpolished jagged board outside an austere single story building facing the Mississippi in St. Paul, Minnesota said, “Temple of Aaron.” One Sunday morning I walked into the temple with my friend Debrah who had warned me that this would be a very orthodox gathering unlike the one I had encountered […]



शहर पार अजनबी… एक मोंताज़: प्रत्यक्षा

कथेतर / Non-Fiction

पत्थर के चौकोर टुकड़ों पर हाथ फिराते बार बार खुद को याद दिलाया , ये इतिहास का एक हिस्सा है और इसे छूते ही मैं उस समय से इस समय तक खिंचा तार हूँ । नीचे पेड़ों के झुरमुट से चमकते शीशे जैसा लाल रंग कौंधता है । लड़की अपनी आँखें मींचे हँसती है और […]