सरेनिटी का संगीत: भारत भूषण तिवारी
कथेतर / Non-Fictionकाबुल नदी में कपड़े धोती औरतें न्यू यॉर्क टाईम्स में एक तस्वीर 15 नवम्बर 2001 कल वे थीं, काली पुती खिड़कियों वाले घरों में ठुँसी हुईं आज, वे घूमती हैं इस नदी के किनारे रेन्वा की पेंटिंग में बतियाती औरतों की मानिंद. बैंगनी, चटख हरे, नारंगी रंग-बिरंगे कपड़ों का अक्स पानी में पड़ता है, ऊपर […]