आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

कथेतर / Non-Fiction

एक वैकल्पिक धर्म-लोक: काँचा इलैया

कथेतर / Non-Fiction

दलित बहुजन देवियाँ और देवता कई ऐसे देवी-देवता हैं जिनकी जातिगत या क्षेत्रीय खासियतें हैं. मगर इन सबमें एक चरित्रगत समानता है. वे जिस चेतना को बढ़ाते हैं या उनका जो परिप्रेक्ष्य आधार है उसमें वे एकसमान हैं. इन देवी-देवताओं  के इर्द-गिर्द जिस चेतना का निर्माण होता है वह चेतना उत्पादन प्रक्रियाओं से गहरे जुड़ी […]



द्विभाषी बौद्धिकता का उत्‍थान और पतन: रामचंद्र गुहा

कथेतर / Non-Fiction

1 यह निबंध विद्वान लाइब्रेरियन बी एस केशवन और उनके पुत्र मुकुल के बीच हुई बहस से प्रेरित है, जिसमें मैं एक मूकदर्शक की तरह शामिल था। मैं अब भूल गया हूं कि वे किस बात पर लड़ रहे थे। लेकिन मुझे याद आता है कि पिता 90 वर्ष की उम्र के बावजूद अपनी ओर […]



वो कई दूसरे जो मैं हुआ करते थे और यह एक मैं: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

An album of contexts and texts: Self as Translation(s) The original is not faithful to the translation. (Borges?) 1. मैं एक बढ़ई हूँ, 1982-1983/ I am a Carpenter, 1982-83 मैं यह सब लिखते हुए वहाँ जा कर उसे नाप नहीं सकता ना फोन करके किसी से ठीक ठीक जान लेना चाहता हूँ पर वो शायद […]



Kunwar Narain’s Speech On The Occasion Of The 41st Jnanpith Award

कथेतर / Non-Fiction

अपूर्व नारायण के अंग्रेजी अनुवाद में.

In English translation by Apurva Narain.



बनारसः अनिल यादव

कथेतर / Non-Fiction

Anil Yadav’s non-fiction piece on Banaras.

एक ‘अपात्र’ बनारसी का बनारस और बनारस पर पड़ने वाली देशी-विदेशी नज़रों पर गद्य.



तय था हत्या होगी: पल्लव

कथेतर / Non-Fiction

Non-fiction piece by Pallav that tries to locate farmers in Hindi fiction in the context of their post-liberalisation tragedy and suicides.

भारतीय किसानों की उत्तर-उदारीकरण त्रासदी और उनकी आत्महत्याओं की पृष्ठभूमि में हिंदी के कथा संसार में किसानों को ढूँढने का प्रयत्न करता हुआ पल्लव का निबंध.



विधि का विधान: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

गिरीश के लिये श्याम के सपने स्वर्ग के फाटक पर रामधन खड़ा है अन्दर जमना सफ़ेद कपडे पहने हुए एकदम शांत गंभीर फाटक के ऊपर आपने वो जो नाल दिखायी थी घोडे की वो नाल जड़ी हुई है दूर क्षितिज से एक लकीर की तरह रास्ता चला जा रहा है उसी पे तन्ना घिसटते हुए […]



अनोखी सती कथाएँ और एक ‘अवध्य’ पुस्तक: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

एक किताब पर लिखने के बारे में लिखने की कोशिशें झूमा सती मिथराऊ नाम का एक गाँव था. आजकल पाकिस्तान में है. वहाँ के निवासी बलूची लोगों के हमलों से इतना डर गये कि उन्होंने सोचा यदि हमारे गाँव के लिये कोई सती हो जाये तो शायद उसी के तेज से बलूच डर जायें. पर […]



अमिताव घोष और उनका उपन्यास सी ऑफ पॉपीज (अफीम का सागर): प्रभात रंजन

कथेतर / Non-Fiction

अमिताव घोष अंग्रेजी में लिखने वाले समकालीन भारतीय लेखकों में प्रथम पंक्ति के लेखकों में गिने जाते हैं। सलमान रूश्दी और विक्रम सेठ के साथ घोष को उन लेखकों में गिना जा सकता है जिनके उपन्यासों ने भारतीय अंग्रेजी लेखन की विष्वव्यापी पहचान स्थापित की। सी ऑफ पॉपीज उनका सातवां और अब तक का सबसे […]



अपने मूल निवास का यही तिलिस्म है: गिरिराज किराड़ू

कथेतर / Non-Fiction

पानी गिर रहा है पानी गिर रहा है बरसात की जगह – जहाँ मैं रह रहा हूँ बरसात का मेरा घर बरसात की मेरी सड़क बार बार भींगते हुए बरसात का मूल निवासी । अरी! बरसात की गीली चिड़िया पंख फड़फड़ा शाखा पर भीगते बैठी रह अभी आकाश बरसात का है पानी के बंद होते […]