कारपोरेट इंडिया: अनिल यादव
कथा / Fictionआदमी और जानवर का संघर्ष सारी दुनिया में करीब समाप्त हो चुका है. लेकिन क्या आवारा क्या पालतू शहर के सारे कुत्ते लोकू को पहचानते हैं. वह कहीं भी जाए वे सुरक्षित दूरी से उसके पीछे भौंकते चलते हैं और अपने मुहल्ले की सीमा पार करा कर ही वापस लौटते हैं. एक मुहल्ला पार करते […]