आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

30 कवि 1 पुरस्कार / 30 Poets 1 Award

हिन्दी में युवा कविता के लिये प्रतिवर्ष दिया जाने वाला भारत भूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार किसी भी भाषा में अनूठा है. 1979 में कवि की स्मृति में उनके परिवार द्वारा स्थापित इस पुरस्कार के लिये वर्ष की श्रेष्ठ कविता का चयन पाँच निर्णायकों में से एक करता है. पाँचों निर्णयों के बाद हर पाँचवें वर्ष एक समारोह होता है. बहुत-से महत्वपूर्ण कवियों के काम की तरफ इस पुरस्कार ने ही ध्यानाकर्षण किया है. तीस वर्ष पूरे होने के मौके पर राजकमल प्रकाशन ने ऊर्वर प्रदेश नामक पुस्तक पुरस्कार संयोजक प्रोफेसर अन्विता अब्बी के संपादन में प्रकाशित की है.

यहाँ प्रस्तुत है पिछले पाँच पुरस्कृत कवियों यतीन्द्र मिश्र, जीतेन्द्र श्रीवास्तव, गीत चतुर्वेदी, निशांत और मनोज कुमार झा की नयी कवितायें; 2009 के पुरस्कृत कवि मनोज कुमार झा का अपनी कविता-प्रक्रिया पर और गीत चतुर्वेदी का हिन्दी के वर्तमान कविता दृश्य पर निबंध.

Bharat Bhushan Agrawal Smriti Puruskar, an annual award for young Hindi poets, is one of its kind in any language. The award, established in memory of the poet by his family in 1979 is given to a published poem considered to be the best of the year by one of the five adjudicators. An award ceremony is held every five years. Many of the significant poets found first attention through this award. On completion of thirty years of this award, Rajkamal Prakashan has come out with a book, Urvar Pradesh edited by Professor Anvita Abbi, coordinator of the award.

We bring you fresh poems by the last five awardees: Yatindra Misra, Jitendra Srivastava, Geet Chaturvedi, Nishant and Manoj Kumar Jha; and texts by Geet Chaturvedi on contemporary Hindi poetry scene and Manoj Kumar Jha (2009) on his background and early poetic adventures.

*

Click to Read

किसी सिरफिरे की कोई बिसरी हुई धुनः यतींद्र मिश्र

एक घर था और एक सिनेमाघरः जितेंद्र श्रीवास्तव

अधिकार से असुरक्षा: गीत चतुर्वेदी

एक पत्थर बेडौल अटपट गुरूत्त्व के अधीनः मनोज कुमार झा

वही एक रंग: निशांत

कविता चींटियों की बांबी में लगी ख़तरे की घंटी है: गीत चतुर्वेदी

मुझे बस उत्सव में शामिल कर लोः मनोज कुमार झा

Leave Comment