लोक-प्रिय V / Lok-Priya V
लोक-प्रिय में इस बार है लेखक-इतिहासकार मुकुल केशवन की एक कविता, वैज्ञानिक पूर्णेंदु घोष का अपने बचपन/कैशोर्य के बारे में आत्मकथात्मक गद्य, और पिछले साल ए वेन्जडे की वजह से चर्चा में आए फिल्म निर्देशक नीरज पाण्डेय की अंग्रेजी कहानी. |
Lok-priya features a wonderful doggerel by writer, historian Mukul Kesavan, autobiographical Hindi prose by scientist Purnendu Ghosh, and a short story by Bollywood film director Neeraj Pandey.
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