किताबत के इस संस्करण में गैब्रिएल गार्सिया मार्क्वेज़ के उपन्यास माय मेलॅन्कलि व्होर्स पर तेजी ग्रोवर; हॉर्पर कालिंस इंडिया द्वारा पुनर्प्रकाशन के अवसर पर हिन्दी कवि-कथाकार ज्योत्सना मिलन के उपन्यास अ अस्तु का पर प्रत्यक्षा; और शरतचंद्र के क्लैसिक बांगला उपन्यास देवदास पर गिरिराज किराड़ू का निबंध.
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This issue of Kitabat features Teji Grover on Garcia Marquez’s Memories of my Melancholy Whores; Pratyaksha on Jyotsna Milan’s novel A Astu Ka on the occasion of its reissue by Harper Collins India; and Giriraj Kiradoo on Sharat Chandra’s classic Bengali novelDevdas.
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The Fragrance of Delgadina’s Soul: Teji Grover
अस्तु का तु: प्रत्यक्षा
मैं देवदास मुकर्जी बनना चाहता हूँ: गिरिराज किराड़ू
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