लोक-प्रिय VI / Lok-Priya VI
लोक-प्रिय में पेश-ए-खिदमत है मुकुल केशवन की एक और बेहतरीन कविता, बॉलीवुड निर्देशक इम्तियाज़ अली से प्रभात रंजन की बातचीत और हिन्दी फिल्मों की बेमिसाल अदाकारा मीना कुमारी की शायरी नुरूल हसन के अंग्रेजी अनुवाद में. |
In this edition of Lok-Priya: Another poem by Mukul Kesavan, Prabhat Ranjan’s interview with Bollywood director Imtiaz Ali, and Noorul Hasan’s English translations of actress Meena Kumari’s shayari.
* Click to Readसच में मिला झूठ: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक-पटकथा लेखक इम्तियाज़ अली से कथाकार प्रभात रंजन की बातचीत |