आज़ादी विशेषांक / Freedom Special

अंक 13 / Issue 13

‘झूठा’ राज्य / The State That Failed

दिल्ली चौरासी और गुजरात दो हजार दो को मुख्यतः भारतीय राष्ट्र राज्य की विफलता की तरह, उसके संवैधानिक ‘प्रॉमिस’ के उल्लंघन की तरह, नागरिक-घात की तरह पढ़ा गया है. ज्ञानपीठ से सम्मानित असमिया लेखक इंदिरा गोस्वामी अपने साक्षात्कार में कहती हैं कि चौरासी में दिल्ली में होने का ‘यथार्थ’ और उनके उपन्यास ख़ून से भरे पन्ने का ‘गल्प’ दोनों ‘एक’ ही वस्तु हैं. सारा राय की कहानी (अंग्रेजी अनुवाद में) और यहाँ पुनर्प्रकाशित कुँवर नारायण, विष्णु खरे, मंगलेश डबराल, देवीप्रसाद मिश्र और कात्यायनी की हिन्दी कवितायें तथा सुकृता पॉल कुमार और माईकल क्रेटन की अंग्रेजी कविताएँ गुजरात त्रासदी के अपरिहार्य नागरिक-राजनीतिक संवेदन के साथ साथ मनुष्य होने की गरिमा के पराभव और कला के औचित्य पर संदेह का भी बखान हैं. हिन्दी कविताओं का चयन युवा कवि व्योमेश शुक्ल ने किया है. Delhi 1984 and Gujarat 2002 have been read mostly as a failure of the Indian nation-state, as a violation of its constitutional “promise”. Jnanpith winner Indira Goswami says in her interview that the “reality” of being in the Delhi of 1984 and the “fiction” of her novel Pages Stained with Blood is one and the same. Sara Rai’s story (in English translation) and the poems by Kunwar Narain, Vishnu Khare, Mangalesh Dabral, Deviprasad Mishra, Katyayani (in Hindi), Sukrita Paul Kumar and Michael Creighton (in English) tell not only of the unavoidable civil and political failure but also of the downfall of human dignity and doubts about the relevance of art. The poems in Hindi have been selected by Vyomesh Shukla.

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Stained with Blood: An Interview With Indira Goswami

Other Skies: Sara Rai

गुजरात पर कवितायें / Gujarat Poems

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