चरण सिंह पथिक / Charan Singh Pathik
Born 1964. His work has been published in magazines like Hans, Kathadesh, Samkaleen Bharatiya Sahitya, Vasudha, Shesh etc. A collection of short stories, Baat Yeh Nahin Hai, was published in 2005. His story, Bakkhad, won the Navjyoti Katha Samman in 1998. Lives and teaches in Karauli, Rajasthan.
दोहों के अर्जुन शीर्षक से पत्रिका के हमतुम विशेषांक रविवारीय में आपका आलेख पढ़ा .सचमुच ही आपका यह आलेख कवि अर्जुन लाल के लिए आदरांजलि था .हम आपसे विशेष रूप से जानना चाहते हैं की सन १९९१ में विश्व में सर्वाधिक दोहे लिखने के लिए गिनीस बुक ऑफ़ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स कवि अर्जुन लाल का नाम दर्ज हुआ है क्या आपने यह प्रमाण पत्र स्वयं देखा है ? अथवा यह उल्लेख प्राप्त जानकारियों के आधार पर किया गया है कृपया यह भी बता सकें की सरवाधिक कितने दोहे लिखने पर उनका नाम गिनीस बुक में दर्ज है. कृपया इस बारे में भी सूचना देंगे तो बड़ी कृपा होगी यदि अपना मोबाइल नंबर किसी तरह उपलब्ध करवाएं तो बहुत उत्तम होगा साधुवाद सहित