मृत्युरोग: मार्ग्रीत द्यूरास
तुम उसे नहीं जानते, तुमने उसे हर जगह एकदम देख लिया होता, किसी होटल में, गली में, रेलगाड़ी में, बार में, किताब में, फ़िल्म में, अपने आप में, सबसे अन्दरूनी खुद में, जब आपका अङ्ग रात में कस जाता होगा, किसी जगह ख़ुद को रखने के लिए, किसी जगह जहाँ वह अपने आँसुओं के बोझ को बहा सके।