मृत्युरोग: मार्ग्रीत द्यूरास
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हो सकता है आप उसे पैसे देते।
कहते: मैं चाहता हूँ कुछ दिन के लिए तुम हर रात आया करो।
हो सकता है वह तुम्हें ख़ूब देर तक देखती रही हो और उसने कहा हो कि तब तो यह महँगा बैठेगा।
फिर वह कहती है: किस चीज़ की चाहना है तुम्हें?
तुम कहते हो तुम कोशिश करना चाहते हो, इसकी कोशिश जानने की कोशिश, उस जिस्म के अभ्यस्त होने की, उन स्तनों, उस महक की। सौन्दर्य की, उस जिस्म की, उस चेहरे की, उस नग्न त्वचा की, त्वचा और उसमें बसे जीवन की।
तुम कहते हो तुम कोशिश करना चाहते हो, कई दिन शायद।
शायद कई हफ़्ते।
शायद ताउम्र।
किस चीज़ की कोशिश? वह पूछती है।
प्रेम करने की, तुम जवाब देते हो।
वह पूछती है: हाँ, लेकिन क्यों?
तुम कहते हो तुम अपने अङ्ग को आराम दिये सोना चाहते हो, किसी अजानी जगह।