पड़ौस I / Padaus I
साहित्य के अलावा सब दूसरे कला रूपों – सिनेमा, चित्रकला, संगीत, नृत्य – पर लेखन के एक स्पेस के रूप में यह नया फीचर कल्पित है. सिनेमा पर एकाग्र इसके पहले संस्करण में फेदेरिको फेल्लीनी की क्लैसिक 8½ पर प्रमोद सिंह का चंचल, काव्यमय गद्य और आकी काउरिसमाकी के सिनेमा पर गीत चतुर्वेदी का निबंध.
फीचर के शीर्षक के लिये हम हिन्दी कवि अशोक वाजपेयी के आभारी हैं जिन्होंने भोपाल स्थित अनूठे कला केन्द्र भारत भवन की कल्पना कलाओं के पड़ौस के रूप में की थी. |
This new feature focuses on writings about cinema, painting, music, dance and art forms other than writing. Its inaugural edition, dedicated to cinema, has Pramod Singh’s meandering, poetic piece on Fellini’s classic 8½ and Geet Chaturvedi on Aki Kaurismäki’s cinema.
For the title of the feature, we are indebted to Hindi poet Ashok Vajpeyi who famously conceived Bharat Bhavan, the unique multi-art center in Bhopal, as a neighborhood of all arts. * Click to Read‘आठ और आधा’ के बहाने फ़ेल्लीनी पर कुछ फुटकर नोट्स: प्रमोद सिंह |